अल्लाह की याद..
थोड़ी सी इबादत बहुत सा सिला देती है,
गुलाब की तरह चेहरा खिला देती है,
अल्लाह की याद को दिल से जाने न देना,
कभी कभी छोटी सी दुआ अर्श हिला देती है ..
गुलाब की तरह चेहरा खिला देती है,
अल्लाह की याद को दिल से जाने न देना,
कभी कभी छोटी सी दुआ अर्श हिला देती है ..
Labels: Hindi Poem