२०१० शंकर भोपाली स्टाइल ...
Sunday, January 3, 2010
बाल धोनी से बढ़ा ले, साल आया है नया
कटिंग के पैसे बचा ले, साल आया है नया
ऐड की शूटिंग करो, किरकेट जाए भाड़ में
रैंप पर खुद को चला ले, साल आया है नया
जो पुरानी चप्पलें हैं, मन्दिरों के पास रख
कुछ नये जूते उठा ले, साल आया है नया
आरती का थाल आए तो चवन्नी डालकर
नोट तू दस का उठा ले, साल आया है नया
चार मुक्तक तो हमारे सामने ही पढ़ गया
संकलन पूरा चुरा ले, साल आया है नया
चाहता है तू हसीनों से अगर नज़दीकियाँ
चाट का ठेला लगा ले, साल आया है नया
मैं अठन्नी दे रहा था, तब भिखारी ने कहा
तू यहां चादर बिछा ले, साल आया है नया
चार दिन तो बर्फ गिरने के बहाने चल गए
आज तो ‘हुल्लड़’ नहा ले, साल आया है नया
जो कि पिछले साल तुझको दे रहा था गालियाँ
चाय पर उसको बुला ले साल आया है नया
कटिंग के पैसे बचा ले, साल आया है नया
ऐड की शूटिंग करो, किरकेट जाए भाड़ में
रैंप पर खुद को चला ले, साल आया है नया
जो पुरानी चप्पलें हैं, मन्दिरों के पास रख
कुछ नये जूते उठा ले, साल आया है नया
आरती का थाल आए तो चवन्नी डालकर
नोट तू दस का उठा ले, साल आया है नया
चार मुक्तक तो हमारे सामने ही पढ़ गया
संकलन पूरा चुरा ले, साल आया है नया
चाहता है तू हसीनों से अगर नज़दीकियाँ
चाट का ठेला लगा ले, साल आया है नया
मैं अठन्नी दे रहा था, तब भिखारी ने कहा
तू यहां चादर बिछा ले, साल आया है नया
चार दिन तो बर्फ गिरने के बहाने चल गए
आज तो ‘हुल्लड़’ नहा ले, साल आया है नया
जो कि पिछले साल तुझको दे रहा था गालियाँ
चाय पर उसको बुला ले साल आया है नया
Labels: Hindi Poem